दिल से बनी दोस्ती
यह कहानी है एक छोटे से गाँव के एक बच्चे और एक अनूठे पशु की दोस्ती की, जिसने एक अद्भुत सफलता की कहानी को जन्म दिया। इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलेगा कि सच्ची मित्रता कैसे सभी को साथ ले कर आगे बढ़ सकती है।
गाँव का नाम रामपुर था, जहां एक छोटे से लड़के का नाम आर्यन था। आर्यन की खासियत थी कि वह बहुत बच्चों की तरह नहीं था, बल्कि वह अलग ही तरह का बच्चा था। उसमें गाँव के अन्य बच्चों से थोड़ा हट कर देखने की उत्सुकता थी।
दिल से बनी दोस्ती |
एक दिन, जब आर्यन अपने गाँव के पास एक छोटे से जंगल में खेती की बगिया में खेल रहा था, वह एक अजीब से पशु के लिए कुछ छप्परों की ओर बढ़ा। वहां उसने एक बड़े से औरत सुरक्षित स्थान पर बैठे हुए देखा।
आर्यन ने उस औरत के पास जाकर देखा कि वह एक प्यारी सी छोटी सी मुर्गी के साथ बैठी थी। वह मुर्गी थी बहुत ही प्यारी और आर्यन ने उससे मिलकर उसकी देखभाल करने का निर्णय किया।
आर्यन ने उस मुर्गी को खाना देना शुरू किया और उसके साथ खेलना। उसने उस मुर्गी का नाम 'चिरपी' रखा, क्योंकि वह हमेशा छिपी रहती थी। धीरे-धीरे, आर्यन और चिरपी के बीच एक अनूठी दोस्ती का संबंध बना।
एक दिन, आर्यन ने चिरपी को उसके गाँव में ले जाने का निर्णय किया। जब वह अपने दोस्तों को चिरपी से मिलाया, तो सब हैरान रह गए कि यह कैसे हो सकता है। लेकिन आर्यन ने सबको बताया कि अगर हम दूसरों की अलग-अलगता को स्वीकार करते हैं तो नई दोस्ती और समृद्धि हो सकती है।
चिरपी और आर्यन की मित्रता गाँव में एक बड़ा आइटम बन गई। वह दोनों हमेशा एक-दूसरे के साथ रहते थे, और इसे देखकर गाँव के लोगों को भी यह आश्चर्य हुआ। उन्होंने सीखा कि दो अलग-अलग दुनियाओं से आए हुए व्यक्तियों की भी मित्रता हो सकती है।
एक दिन, गाँव में एक अजीब सा प्रतिस्पर्धा आयोजित हुआ, जिसमें विभिन्न पशु दिखाए जाएंगे। आर्यन ने चिरपी को भी इस प्रतिस्पर्धा में शामिल करने का निर्णय किया।
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