गन्दी शुरूआत
हरिआ एक गांव में हे खेती करता था खे ती के लिए जमीन तो बहुत ज्यादा नही थी लकिन हरिआ के छोटे से परिवार के पालन पोषण के लिए काफी थी हरिआ सुबह बैल लेकर खेत की और निकलता फिर शाम को ही बापस आता था वह दिन भर महेनत करता और खुश रहता
एक दिन हरिआ का बैल बीमार पड़ गया २ बैलो की जोड़ी में केवल एक ही बैल बचा था एक बैल से वह अपना काम नहीं कर सकता था दूसरे बैल को तेज बुखार था हरिआ अपने बैल की दशा देखकर बड़ा दुखी हुआ इस बैल ने दिन रात करके परिवार को पाला था उसे बीमार देख दुखी होना तो लाजमी था
हरिया के पास इतने पैसे भी नहीं थे की बैल को किसी पशु चिकित्सालय में ले जाकर उसका इलाज करा सके उदासी में डूबा सोचते सोचते हरिया सुबह अपने खेतो में जा रहा था अचानक उसे मुखिया जी का घर दिखाई दिया जिसके घर की खिड़की खुली दिखाई दी हरिआ ने पास जाकर देखा तो खिड़की के पास सोने की घडी रखी हुई थी वो घडी इतनी पास थी की हरिआ उसे आसानी से उठा सकता था उसका मन किया की वह चोरी कर ले लकिन हरिआ की आत्मा ने अंदर से मना किया की चोरी करना पाप हे
हरिआ अभी २ कदम आगे ही बढ़ा था की उसे बीमार बैल का ख्याल आया उसने सोचा की चलो आज चोरी कर लेता हु जिससे बेल ठीक हो जायगे लकिन आज के बाद कसम खाता हु की कभी चोरी नहीं करुगा बस हरिआ ने यह सोच कर वो घडी उठा ली और बाजार में जाकर बेच दी उस से जो पैसा मिला उसे अपने बैल ठीक करने में लगा दिया
उस दिन तो हरिआ का काम बन गया लकिन अब उसके सामने कोई समस्या आती तो चोरी करने का सोचने लगता जब पैसो की जरुरत होती तो उसका मन करता की किसी के घर चोरी कर ले एक बार चोरी क्या की हरिया के मन की दशा ही बदल गई
अब हरिआ ने खेत में भी मेहनत करना कम कर दिया जब कभी पैसो की जरूरत होती हरिआ छोटी मोटी चोरी कर लेता लकिन कब तक बच पाता एक दिन हरिआ एक सेठ के घर चोरी करता हुआ पाया गया और उसे जेल में डाल दिया साथ ही इतना जुर्माना लगाया की उसके खेत बैल सब बिक गए और उसके पास कुछ भी नहीं बचा
अब हरीया उस दिन को कोस रहा था जब उसने पहली बार चोरी की थी न तो वह उस दिन चोरी करता ना ही उसकी चोरी आदत बनती और न ही वह महेनत करना भूलता लकिन अब क्या हो सकता है जब चिड़िया चुग गयी खेत
दोस्तों जरा गौर से सोचो तो हमें भी ऐसी गन्दी आदत पड़ चुकी हे हमने एक बार अपने फायदे के लिए झूठ बोला लकिन आगे चलकर यह झूठ हमारी आदत बन जाती हे कई बार हम बहाने बना कर काम सबाओ जाते हे लकिन ये बहाने बनाना आगे चलकर हमारी आदत बन जाती है
उस दिन तो हरिआ का काम बन गया लकिन अब उसके सामने कोई समस्या आती तो चोरी करने का सोचने लगता जब पैसो की जरुरत होती तो उसका मन करता की किसी के घर चोरी कर ले एक बार चोरी क्या की हरिया के मन की दशा ही बदल गई
अब हरिआ ने खेत में भी मेहनत करना कम कर दिया जब कभी पैसो की जरूरत होती हरिआ छोटी मोटी चोरी कर लेता लकिन कब तक बच पाता एक दिन हरिआ एक सेठ के घर चोरी करता हुआ पाया गया और उसे जेल में डाल दिया साथ ही इतना जुर्माना लगाया की उसके खेत बैल सब बिक गए और उसके पास कुछ भी नहीं बचा
अब हरीया उस दिन को कोस रहा था जब उसने पहली बार चोरी की थी न तो वह उस दिन चोरी करता ना ही उसकी चोरी आदत बनती और न ही वह महेनत करना भूलता लकिन अब क्या हो सकता है जब चिड़िया चुग गयी खेत
दोस्तों जरा गौर से सोचो तो हमें भी ऐसी गन्दी आदत पड़ चुकी हे हमने एक बार अपने फायदे के लिए झूठ बोला लकिन आगे चलकर यह झूठ हमारी आदत बन जाती हे कई बार हम बहाने बना कर काम सबाओ जाते हे लकिन ये बहाने बनाना आगे चलकर हमारी आदत बन जाती है
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