एकता में शक्ति
एक हाथ के अगूंठे ने सभी उंगलियो से कहा की में तुमसब से बड़ा हु में हस्ताक्ष र करने के काम आता हु अगूंठे के पास वाली उंगली ने खा तुम से बड़ी तो में हु में सभी काम करने क काम आती हु इस पर पास वाली ऊँगली बोली में तुम सब से लम्बाई में बड़ी हु इसलिए सब से बड़ी में ही हु
इस पर उसके पास वाली ऊँगली ने कहा की में अंगूठी पहनने के काम अति हु इसलिए सब से बड़ी में इस तरह सभी एक दूसरे से लडने लगे और एक दूसरे को मारने लगे
आखिर तय हुआ की वह न्ययाधीश के पास जायेगे और उनसे फैसला करायेगे ऊँगलीया अगूंठे के साथ न्ययाधीश के पास पहुंचे
न्ययाधीश ने पूछा मामला क्या हे इस पर सभी अपनी अपनी बात रखने लगे न्ययाधीश ने सभी की बात एक एक कर सुनी और सभी को थोड़ी देर चुप रहने को कहा सभी चुप हो गए
न्ययाधीश ने थोड़ी देर सोचा और फिर एक योजना बनाई उसने एक रसगुल्ला प्लेट पर सब के सामने रखा और बोला की सभी अपनी एक ऊँगली या अगूंठा इस्तेमाल कर इस रसगुले को उठाये सभी बारी बारी कोशिश करने लगे लकिन रसगुल्ला उठाने में सभी नाकामयाब रहे
अब न्ययाधीश ने कहा अब सब मिलकर एक साथ इसको उठाने की कोशिश करे सभी ने ऐसा ही किया और रसगुल्ला को उठा लिया
अब न्ययाधीश ने उनको समझाया की सभी ने देखा की अकेले ना तो ऊँगली ना ही अंगूठा यह काम कर सका लकिन जब सब ने मिलकर काम किया तो यह काम आसानी से हो गया इसी प्रकार यदि सब अलग अलग होकर रहेंगे तो हम कोई भी काम नहीं कर सकते और कोई भी बाहर का नुकसान पंहुचा सकता हे लकिन यदि सब मिलजुलकर रहेंगे तो कोई भी काम आ सनी से कर सकते और कोई भी हमें नुकसान नहीं पंहुचा सकता
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