रात का सफर - The Night Journey
बिलकुल सामान्य सा दिन था, परंतु इस रात कुछ विशेष था। रात के अंधेरे में एक छोटे से गाँव के एक छोटे से लड़के का दिल बहुत बेहद उत्साहित था। उसका नाम राजू था। राजू का सपना था कि वह एक दिन अपने गाँव को और अपने माता-पिता को गर्वित करेगा।
पहली रात, राजू एक जंगल में चला गया। वह वहां बहुत सारे जानवरों से मिला, लेकिन उसने किसी से भी दोस्ती नहीं की। वह अकेला महसूस कर रहा था, लेकिन उसने यह सिखा कि अकेले होना भी एक आत्मनिर्भरता का अहसास हो सकता है।
दूसरी रात, राजू एक पहाड़ी की ऊचाई पर पहुँचा। वहां उसने देखा कि जीवन में ऊँचाईयों को छूने के लिए संघर्ष करना जरूरी है। राजू ने एक बड़े पत्थर को ऊँचाई पर पहुँचाने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन उसने यह सिखा कि कठिनाईयों का सामना करना जीवन को मजबूत बना सकता है।
तीसरी रात, राजू एक गाँव में पहुँचा जो भूखे-प्यासे लोगों से भरा हुआ था। वह वहां एक वृद्ध आदमी से मिला, जो कहता था कि सच्ची गरिमा उस समय होती है जब हम दूसरों की मदद करते हैं। राजू ने वहां रहने वाले लोगों की मदद की, और उसने यह सिखा कि वास्तविक गरिमा उस समय होती है जब हम दूसरों का सहारा बनते हैं।
यात्रा समाप्त होने पर, राजू ने साधु को मिलकर कहा, "मैंने यह सीखा कि गरिमा उस समय होती है जब हम अपनी मानवीय जिम्मेदारियों का सही रूप से समर्थन करते हैं।"
इसके बाद, राजू ने अपने गाँव को और अपने माता-पिता को गर्वित किया, न केवल अपनी बहादुरी की कहानी से, बल्कि उसने उन सीखों को भी शेयर किया जो उसने उस अजीब सी यात्रा में सीखी थी।
और इस प्रकार, राजू ने अपने गाँव को नई उचाईयों तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त की और उसने सच्ची गरिमा का अर्थ समझा।
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